विदेश में MBA, Engineering, या Medical की पढ़ाई का सपना देख रहे लाखों भारतीय छात्रों के लिए Education Loan एक वरदान है। लेकिन लोन की कागजी कार्रवाई के दौरान एक शब्द अक्सर सबको उलझन में डाल देता है - Moratorium Period या Repayment Holiday.
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप कोर्स खत्म होने के बाद 6 से 12 महीने तक EMI नहीं भर रहे होते, तो उस समय बैंक का लोन कैसे चलता है? क्या ब्याज (Interest) की गणना रुक जाती है? अगर नहीं, तो Moratorium Period के दौरान Interest Calculation कैसे होता है ?
इस विस्तृत लेख में, हम आपको इस सवाल का जवाब सरल हिंदी और उदाहरणों के साथ देंगे। यह जानकारी आपको एक Smart Borrower बनने और लोन की कुल लागत (Total Loan Cost) को समझने में मदद करेगी।
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Education Loan Moratorium Period: इस दौरान ब्याज (Interest) कैलकुलेशन की A to Z Guide |
Education Loan Moratorium Period क्या है? ( What is Moratorium Period in Hindi? )
सीधे शब्दों में कहें तो, Moratorium Period वह समय होता है जब आपको अपने एजुकेशन लोन की मासिक किस्त (EMI) चुकाने की ज़रूरत नहीं होती। यह period आमतौर पर आपके कोर्स की अवधि (Course Period) खत्म होने के बाद शुरू होता है।
मान लीजिए:
- आपका कोर्स 2 साल (24 महीने) का है।
- बैंक ने आपको 6 महीने का Moratorium Period दिया है।
इस स्थिति में, कोर्स खत्म होने के बाद आपको अगले 6 महीने तक EMI नहीं भरनी होगी। यानी, लोन लेने के बाद आपके पास रिपेमेंट शुरू करने के लिए कुल 24 + 6 = 30 महीने का समय होगा।
Moratorium Period का मुख्य उद्देश्य छात्र को कोर्स पूरा करने और एक अच्छी नौकरी ढूंढने के लिए पर्याप्त समय देना है, ताकि वह आर्थिक रूप से स्थिर हो सके।
Moratorium Period के दौरान Interest Calculation: दिलचस्प हिस्सा
सच्चाई यह है:Moratorium Period के दौरान सिर्फ EMI की माफी होती है, ब्याज (Interest) की नहीं। ब्याज तब भी लगता रहता है, और इसकी गणना mainly दो तरीकों से हो सकती है:
1. साधारण ब्याज (Simple Interest)
फॉर्मूला (Simple Interest Formula): ब्याज = (मूल राशि x ब्याज दर x समय) / 100
उदाहरण (Example):
- लोन अमाउंट (Principal): ₹10,00,000
- ब्याज दर (Interest Rate): 10% प्रति वर्ष
- Moratorium Period: 6 महीने (0.5 साल)
- साधारण ब्याज = (10,00,000 x 10 x 0.5) / 100 = ₹50,000
नतीजा: Moratorium Period खत्म होने पर, आपकी कुल बकाया राशि ₹10,00,000 + ₹50,000 = ₹10,50,000 होगी। अब आपकी EMI इस नई राशि पर calculate होगी।
फॉर्मूला (Compound Interest Formula): A = P (1 + r/n)^(nt)
- उदाहरण को समझें: ऊपर वाले ही उदाहरण को लेते हैं। अगर ब्याज monthly compound हो रहा है (n=12), तो 6 महीने बाद बकाया राशि साधारण ₹50,000 से कहीं अधिक होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि हर महीने ब्याज, ब्याज पर लगेगा (Interest on Interest)।

Education Loan Moratorium Period: इस दौरान ब्याज (Interest) कैलकुलेशन की A to Z Guide

Simple Interest vs Compound Interest in Moratorium: एक त्वरित तुलना
पहलू | साधारण ब्याज (Simple Interest) | चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) |
ब्याज का आधार | सिर्फ मूल राशि (Principal) | मूल राशि + जमा ब्याज (Principal + Accrued Interest) |
कुल लागत लाभ | अध्यक्षतः कम | अध्यक्षतः अधिक |
पारदर्शिता | समझने और कैल्क्युलेट करने में आसान | गणना जटिल हो सकती है |
बैंक प्रकार | ज्यादातर PSU बैंक | ज्यादातर प्राइवेट बैंक/एनबीएफसी |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. क्या
Moratorium Period के दौरान ब्याज (Interest) माफ
हो जाता है?
बिल्कुल नहीं। यह एक आम गलतफहमी है।
Moratorium Period के दौरान
सिर्फ EMI भरने की छूट मिलती है, ब्याज
लगना बंद नहीं होता। ब्याज लगता रहता है और लोन की कुल राशि में जुड़ जाता है।
Simple Interest
और Compound
Interest में सबसे बड़ा अंतर क्या है?
2. सबसे
बड़ा अंतर ब्याज के आधार (Base) में है।
- Simple Interest: ब्याज की गणना हमेशा मूल लोन राशि (Principal Amount) पर होती है।
- Compound Interest: ब्याज की गणना मूल राशि + पहले से जमा हुए ब्याज (Principal + Accrued Interest) पर होती है, जिससे "ब्याज पर ब्याज" (Interest on Interest) का effect आता है और कुल लागत बढ़ जाती है।
3. क्या
मैं Moratorium Period को छोटा कर सकता हूँ?
हाँ, अगर
आपको कोर्स खत्म होने के तुरंत बाद नौकरी मिल जाती है, तो आप अपने
बैंक से संपर्क करके Moratorium
Period को छोटा करने और EMI भुगतान जल्दी
शुरू करने का अनुरोध कर सकते हैं। यह एक बहुत ही समझदारी भरा
कदम है।
4. क्या
सभी बैंक Moratorium Period ऑफर करते हैं?
जी हाँ,
लगभग सभी प्रमुख बैंक (PSU और Private)
और NBFCs
एजुकेशन लोन के साथ Moratorium
Period की सुविधा देते हैं। हालाँकि, इसकी
अवधि (6 महीने, 12 महीने) और ब्याज गणना का तरीका (Simple/Compound) बैंकों
के अनुसार
अलग-अलग हो सकता है।
5. अगर
Moratorium Period में नौकरी नहीं मिली, तो क्या होगा?
घबराएं नहीं। ऐसी स्थिति में सबसे पहले अपने बैंक से संपर्क करें। बैंक आपकी स्थिति को समझ सकते हैं और रिपेमेंट शेड्यूल को फिर से संतुलित (Restructure)
करने में मदद कर सकते हैं। EMI की राशि
को थोड़ा
कम करके
टेन्योर (Tenure) बढ़ाना एक आम विकल्प है।
6. क्या
कोर्स के दौरान (Course Period) भी ब्याज लगता है?
हाँ, आमतौर
पर कोर्स
की अवधि
के दौरान
भी ब्याज
लगता रहता है। यह ब्याज Moratorium Period तक जमा होता
रहता है। कुछ सरकारी सब्सिडी वाली योजनाओं (जैसे CSIS) को छोड़कर, जहाँ सरकार
ब्याज का भुगतान करती है।
7. Moratorium
Period खत्म होने के बाद EMI की गणना कैसे होती है?
Moratorium
Period खत्म होने पर, बकाया
राशि (Principal + Accrued Interest during Moratorium) को नए लोन अमाउंट
की तरह
माना जाता है। इस नई राशि पर बची हुई लोन अवधि (Loan Tenure) के हिसाब से EMI की गणना की जाती है।
8. Moratorium
Period के दौरान ब्याज भरना (Interest Servicing) क्यों फायदेमंद है?
Interest
Servicing (यानि, केवल
ब्याज का भुगतान करना) फायदेमंद है क्योंकि:
- इससे चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) का असर कम हो जाता है।
- लोन की कुल लागत (Total Cost of Loan) काफी कम हो जाती है।
Moratorium Period खत्म होने पर EMI का बोझ कम होगा क्योंकि ब्याज अलग से जमा नहीं होगा।
निष्कर्ष
एजुकेशन लोन का Moratorium Period छात्रों के लिए एक बेहतरीन सुविधा है, लेकिन इसके Financial Implications को समझना बेहद जरूरी है। याद रखें, ब्याज कभी सोता नहीं है (Interest Never Sleeps). ब्याज लगता रहेगा, चाहे आप EMI भर रहे हों या नहीं।
अपने लोन की Total Cost को Control करने की चाबी आपके हाथ में है। Moratorium के दौरान Interest Servicing शुरू करके आप भविष्य के Financial Burden को काफी हद तक कम कर सकते हैं। एक जिम्मेदार उधारकर्ता (Responsible Borrower) बनें और अपने Financial Future को सुरक्षित रखें।
अतिरिक्त संसाधन (Additional Resources)
- SBI स्टूडेंट लोन स्कीम: https://sbi.co.in/web/student/student-loan-scheme
- Central Sector Interest Subsidy Scheme (CSIS): https://www.education.gov.in/en/interest-subsidy-scheme
- Padho Pardesh Scheme: https://www.minorityaffairs.gov.in/padho-pardesh
- एजुकेशन लोन EMI कैलकुलेटर (BankBazaar): https://www.bankbazaar.com/education-loan-emi-calculator.html - Moratorium Period के बाद की EMI का अंदाजा लगाने के लिए।
- RBI Master Circular on Loans:https://rbi.org.in/Scripts/BS_ViewMasCirculardetails.aspx?id=11999 - उन्नत जानकारी के लिए।
अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख
सिर्फ सूचनात्मक उद्देश्यों
के लिए
है। इसे पेशेवर वित्तीय या कानूनी सलाह
नहीं माना जाना चाहिए। एजुकेशन लोन लेने से पहले संबंधित बैंक
से सभी
शर्तों की पुष्टि करें और आवश्यकता पड़ने
पर योग्य
वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
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