35% सब्सिडी वाला लोन - यह वाक्य अक्सर लोग सुनते हैं पर असल में इसका मतलब और उपयोग कई-सारी सरकारी/स्टेट योजनाओं में अलग-अलग होता है। नीचे आसान हिंदी में समझाऊँगा कि किन-किस स्कीमों में अधिकतम 35% तक की सब्सिडी मिल सकती है। वह सब्सिडी कैसे काम करती है, लोन पर उसका क्या असर होता है और आप कैसे आवेदन कर सकते हैं।
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| 35% सब्सिडी वाला लोन कौन सा है? |
पहले: 35% सब्सिडी का मतलब क्या होता है?
जब कोई योजना 35% सब्सिडी देती है, तो उसका अर्थ आम तौर पर यही होता है कि सरकार/एजेंसी परियोजना-लागत का 35% हिस्सा (मैक्सिमम सीमा तक) अनुदान के रूप में देती है। शेष लागत पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं या अपनी contribution देंगे। यह subsidy सीधे बैंक-लोन को माफ नहीं करती, बल्कि project cost कम कर देती है। जिससे बैंक से लिए जाने वाले प्रोजेक्ट-लोन की राशि घट जाती है और EMIs कम आ सकती हैं।
किन प्रमुख स्कीमों/परिस्थितियों में 35% सब्सिडी मिलती है? (मुख्य उदाहरण)
1. PMEGP - Prime Minister’s Employment Generation Programme
PMEGP एक बड़ा माइक्रो-एंटरप्राइज प्रोत्साहन-प्रोग्राम है जो नए उद्यमियों को बैंक-फाइनेंस के साथ margin money सब्सिडी देता है। इस स्कीम में सामान्य तौर पर 15% से 35% तक की सब्सिडी दी जा सकती है। श्रेणी (rural/urban, project type, beneficiary category) पर निर्भर। इसका मकसद self-employment और रोजगार पैदा करना है।
2. KVIC / Cluster-level CAPEX Subsidy (विशेष क्लस्टर/उद्योग सहायताएँ)
कुछ Khadi & Village Industries
Commission (KVIC)-प्रोजेक्ट्स और क्लस्टर-अपग्रेडेशन योजनाओं में एक-बार की कैपिटल-कोस्ट सब्सिडी 35% तक दी जाती है (certain equipment/cluster investments पर), ताकि small
units modernise कर सकें। यह subsidy cluster projects पर निर्भर करती है।
Read: PMEGP Loan Scheme 2025: Manufacturing & Service Business के लिए ₹50 लाख तक की Subsidy
3. Cold Storage / Food Processing Projects (NHB / Ministry
schemes)
कई बार cold-storage और food processing projects के लिए राष्ट्रीय/स्टेट स्तर की योजनाओं में eligible project cost का 35% तक subsidy
मिलता है (सामान्य क्षेत्रों के लिये), हिल्ली/शेड्यूल्ड क्षेत्रों में यह अधिक (उदा. 50%) हो सकता है। यह सब्सिडी cold-storage जैसे बड़े निवेश में उपयोगी होती है।
4. State Chief-Minister / State MSME Schemes (CMEGP आदि)
कई राज्यों में मुख्यमंत्री रोजगार / उद्योग प्रोत्साहन योजनाओं के तहत 15–35% तक बैक-एंड सब्सिडी दी जाती है। यह स्टेट-प्रोग्राम पर निर्भर करता है और लाभार्थी-श्रेणी (SC/ST, महिला, प्रकृति आदि) पर भिन्न होता है।
संक्षेप: PMEGP और कई राज्य/क्लेस्टर-स्कीमें वह जगहें हैं जहाँ आपको 35% (या उससे कम/ज्यादा किसी कैटेगरी में) subsidy का जिक्र मिलेगा।
सब्सिडी मिलने पर लोन और EMI पर क्या असर होगा? (आसान उदाहरण)
मान लीजिए आपका प्रोजेक्ट-कुल खर्च ₹10 लाख है और उस पर 35% सब्सिडी मिलती है:
- सब्सिडी = 35% × ₹10,00,000 = ₹3,50,000
- बचेगा = ₹6,50,000 - इस पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं (या अपनी पूँजी डालें)।
यानी सब्सिडी मिलने से आपने जो बैंक-लोन लेना है वह कम हो गया - EMI और कुल ब्याज घटेga। ध्यान दीजिए: अक्सर subsidy सीधे बैंक खाते में नहीं आती, सरकार/एजेंसी बैंक को सब्सिडी राशि reimburse करती है या bank account में credit करवा कर loan account पर adjust कर देती है। प्रक्रिया स्कीम पर निर्भर करेगी।
कौन-से दस्तावेज और पात्रता सामान्य होती है?
हर स्कीम की अपनी eligibility होती है। साधारण तौर पर ये बातें मांगी जाती हैं:
- Project proposal / business plan, cost estimates।
- Identity/Address (Aadhaar, PAN)।
- Bank statements, contribution proof (own margin)।
- Proof of category (SC/ST/woman etc.) अगर concession चाहिए।
- Technical clearance (for cold storage / machines) और site/land docs।
PMEGP जैसा प्रोग्राम बैंक के जरिए चलता है। बैंक आपको application, technical appraisal और subsidy processing में मदद करेगा।
आवेदन कैसे करें - step-by-step (सरल)
- पहचानें कौन-सी स्कीम आपके काम की है : (MSME/PMEGP, cold storage, KVIC cluster, राज्य-स्कीम)।
- स्कीम के आधिकारिक पोर्टल या नजदीकी बैंक/दफ़्तर जाएँ : PMEGP के लिये nodal agencies/KVIC/state-directorate; cold storage के लिये NHB/state agri/food processing office।
- Project cost estimate और business plan तैयार करें : बैंक द्वारा technical appraisal होगा।
- बैंक-लोन के लिये आवेदन करें और subsidy-claim के लिए बैंक/agency से समन्वय रखें : बैंक आमतौर पर subsidy documentation submit करता है और reimbursement के बाद आपके loan account पर adjustment करता है।
सावधानियाँ और व्यवहारिक सुझाव (जरूरी)
- 35% सब्सिडी सुनते ही दावा पर सीधे भरोसा न करें : हमेशा आधिकारिक notification/notification number और eligibility पढ़ें।
- पूरा cost-breakup लें : subsidy सिर्फ project cost के किस हिस्से पर है, और कौन-सा component exclude है (land, GST, contingencies) - यह जाँचना ज़रूरी है।
- बैंक/agency से लिखित पुष्टि लें कि subsidy मिलने पर loan-structure कैसे बदलेगा।
- Case-to-case processing time अलग होगा : subsidy reimburse होने में समय लग सकता है। सुनिश्चित करें कि आपकी cash-flow plan में यह झंझट शामिल हो।
FAQs (साधारण और सीधे उत्तर)
Q: 35% सब्सिडी असल में किस तरह मिलती है?
आम तौर पर सरकार/स्टेट एजेंसी प्रोजेक्ट-कॉस्ट का तय प्रतिशत (उदा. 35%) सीधे अनुदान या reimbursement के रूप में देती है। इसका मतलब यह है कि आपके प्रोजेक्ट की कुल लागत घटती है और बैंक से लेने वाली ऋण राशि कम हो जाती है। इससे EMI और कुल ब्याज घट जाता है।
Q: कौन-सी योजनाएँ 35% तक सब्सिडी देती हैं?
यह एक सामान्य सीमा है जो कई योजनाओं में मिल सकती है। उदाहरण के लिए PMEGP के कुछ केसेस,
राज्य-स्तरीय MSME/Chief Minister schemes, कुछ KVIC/cluster modernization प्रोजेक्ट और कुछ cold-storage/food-processing योजनाओं में। हर स्कीम का नियम अलग होता है।
Q: मैं कैसे पता करूँ कि मैं eligible हूँ?
हर स्कीम की अलग eligibility होती है। सामान्यत: यह देखा जाता है: beneficiary की category (SC/ST, महिला आदि), project का प्रकार,
project-cost/scale, और location (rural/urban)। सबसे आसान तरीका: उस योजना के आधिकारिक पोर्टल या नजदीकी nodal office/bank से preliminary check कराना।
Q: सब्सिडी मिलने में कितना समय लगता है और पैसा किसे जाता है?
प्रक्रिया स्कीम-पर निर्भर करती है। आवेदन - technical appraisal - bank loan
sanction - subsidy claim - government reimbursement । यह कुछ हफ्ते से कुछ महीने तक लग सकता है। अधिकतर मामलों में सब्सिडी बैंक को reimburse की जाती है और उसके बाद आपके loan account में adjustment किया जाता है (यानी आपने सीधे पूरी सब्सिडी कैश में न पाई,
बल्कि loan-amount/EMI कम हुआ देखा)।
Q: किस दस्तावेज़ की ज़रूरत होगी और किन बातों का ध्यान रखें?
सामान्य दस्तावेज़: पहचान (Aadhaar/PAN), पता प्रमाण,
project cost estimate/business plan, bank statements, proof of own
contribution, property/site documents और category-proof (यदि लागू)। ध्यान रखें: subsidy किस-component पर लागू है (land, GST, contingency often exclude होते हैं) और आधिकारिक notification में बताए गए exclusions पढ़ लें।
निष्कर्ष (Conclusion)
35% सब्सिडी वाला लोन, किसी एक बैंक-प्रोडक्ट का नाम नहीं होता। बल्कि यह कई सरकारी/स्टेट स्कीमों में मिलने वाली अनुमन्य सब्सिडी-रकम का संकेत है, जैसे PMEGP, KVIC cluster projects, cold-storage schemes और कुछ राज्य-प्रोत्साहन। इन योजनाओं में subsidy मिलने से आपका बैंक-लोन कम होगा और repayment-बोझ घटेगा। यदि आप किसी बड़े निवेश/माइनर यूनिट बनाना चाहते हैं, तो पहले संबंधित स्कीम-पेज और अपने बैंक/नोडल-एजेंसी से detail verify कर लें और सभी दस्तावेज़ व cost-breakup तैयार रखें। तभी 35%-जैसी बड़ी सब्सिडी का पूरा फायदा उठेगा।
Resources (ऑफिशियल / पढ़ने के लिए)
- PMEGP : Scheme details (bank/nodal pages). (HDFC Bank)
- KVIC : Cluster / subsidy details (KVIC official). (KVIC Online)
- Cold Storage subsidy / NHB / Parliamentary annex (35% reference). (Digital Sansad)
- State Chief Minister Employment Generation Program (CMEGP) - state portal examples. (maitri.maharashtra.gov.in)
- MSME / Ministry pages on credit support and grant norms. (MSME Ministry)
Disclaimer : यह जानकारी सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। 35% सब्सिडी से जुड़े नियम, दरें और पात्रता समय-समय पर बदल सकते हैं और अलग-अलग सरकारी/स्टेट/नोडल स्कीमों में भिन्न होती हैं। किसी भी आवेदन या वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित योजना का आधिकारिक नोटिफिकेशन, बैंक/नोडल-एजेंसी और स्थानीय अधिकारीयों से ताज़ा पुष्टि कर लें। आवश्यकता हो तो प्रमाणित वित्तीय सलाहकार या बैंक अधिकारी से व्यक्तिगत सलाह लें।
